Posts

Showing posts with the label frog in rain

दादुर का दर्द

Image
दादुर कहे आज उदर मे बड़ी उथल पुथल है,,,,, पत्तों पे लेटा टमी थामे दादुर बड़ा व्याकुल है,,,,,,,, नैना सातवे आसमान पर ख्यालों मे झूल है ,,,,,,, तन-बदन,अंग-अंग सारा यौवन बड़ा शिथिल है,,,,,, बदरिया गरजे आवाजों की शंक्नाद पल-पल है ,,,,,, ऐसा प्रतीत हो रहा जैसे लूज़ मोशन की पहल है,,,,,,,,,, करवटों पे करवटें जिंदगी बस जल-थल,जल-थल है ,,,,,,,, हरा-भरा संसार हो रहा जैसे निगाहों मे धुल-धूमिल है ,,,,,,,,,, प्राण पखेरू कब उड़ जाए जहनो-जिया मे बड़ी हलचल है ,,,,,,,, साँसों को साँसों से लगता जैसे ट्रेफिक जाम की दखल है,,,,,,,,, चहरे पे डर-खौफ,भय-भ्रम और कंगालों-सी शकल है ,,,,,,,, कहे दादुर दीनहीन अब मौत ही मेरी बस मंजिल है,,,,,,,,,