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Showing posts from October, 2016

Happy Diwali: दीपावली पर दीप क्यों जलाते है?

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diwali celebration रोशनी से रोशन दीपो का पर्व है यह दीपावली जोकि हमारे पुरे देश में मनाया जाता है। इस पावन मौके पर देश के सभी शहरो को रोशन किया जाता है इन खुबसूरत दीपो से। हमारा देश रंगों से जगमग लगता है और रंगों से दिवाली को भी सजाया जाता है। हमारे भारत में हर त्यौहार को मनाने के लिए रंगों का प्रयोग बहुत किया जाता है। फिर चाहे वो करवाचौथ हो, होली हो, दीवाली होया कोई और त्यौहार। दीपवाली पर बड़े ही चाव से रंगीली रंगोली बनाई जाती है। ऐसे में तरह तरह की रंगोली से घरो को सजाया जाता है। लेकिन रंगोली क्यों बनाते है यह आप जानते है क्या ? अगर नहीं तो हम बताते है दरअसल लोगो का मानना यह है की जब लंकेश रावण को मारकर राम जी अपनी पत्नी सीता के साथ 14 वर्ष के वनवास से लौटे थे।  तब आयोध्या में रहने वाले रामभक्त लोगो ने बड़ी ही धूम धाम से राम जी और सीता जी का स्वागत किया था। उस समय पुरे आयोध्या को दीपो से सजाया गया और साथ ही रंगोली भी बनाई गई थी जिसके कारण रंगोली बनाने की रीती चल गई। आप देखिए रंगोली की बेहतर दरवाजे पर बनने वाली डिजाइन। #happydiwali

घरेलु नुस्खे: इस दिवाली ऐसे बढाएं अपनी खूबसूरती

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होम रेमेडीज फॉर फेस दीपावली पर हर घर साफ-सुथरा और दीपों की सजावट से चकाचौंध रहता है, हर इंसान नए-नए परिधान पहनता है और सभी को दिवाली की शुभ कामनाए देता है. लेकिन इन सब के अलावा जो जरुरी होता है वह है आपके चेहरे का चमकना-दमकना जो आपकी ख़ुशी और त्यौहार में चार चाँद लगा देता है. मैं आपको बताने जा रही हूँ कुछ घरेलु नुस्खे जो आपके चेहरे को लालिमा से भर देंगे। आलू- आप एक आलू को घिसकर इसका जूस निकाल ले और फिर अपने अफ्फेक्टेड चेहरे पर 30 मिनट तक लगाकर रखे. आप ऐसा  रोज लगभग एक महीने तक करें।  लेमन जूस- आप  जानते है की लेमन जूस एक बहुत ही स्ट्रांग ब्लीचिंग एजेंट है इसलिए जिनकी स्किन सेंसिटिव हो वे इसका उपयोग ना करें। आप undiluted लेमन का जूस लेकर अपनी उँगलियों से मुहं पर घिसे, फिर इसको 15 मिनट तक रहने दे और बाद में धो लें. इससे चेहरे का कालापन दूर हो जाता है. पपीता- पपीता स्कार और डार्क स्पॉट ख़त्म करने में काफी सहायक है. आप पपीते के छिलके को काटकर दही,बेसन,गुलाब जल,मुल्तानी मिटटी,शहद और हल्दी के साथ मिलाकर पेस्ट बनाये। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाकर 30 मिनट तक रहने दे और फिर धो लें. इन उपायों को

Andha Kanoon: अंग्रेजी क़ानून भारत की जनता क्यूँ ढो रही है?

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    Andha Kaanoon hindi movie मुझे याद आती है सदी के महानायक अमिताभ बच्चन की “अंधा क़ानून” फिल्म जो कि सन 1983  में बनी थी | इस फिल्म की स्टोरी पूर्ण रूप से देश के घिसे-पिटे अंग्रेजी क़ानून पर आधारित थी, जिसमे क़ानून के झूट और फरैबी मुखोटों का चित्रण बहुत ही बेहतरीन ढंग से निर्देशक टी. रामा राव के निर्देशन में किया गया है | जो अन्याय इस फिल्म में बिग बी और आम जनता के साथ होता है ठीक वैसा ही परिदृश्य आज के अंधे-क़ानून में देखने को मिलता है | भारतीय क़ानून व्यवस्था आज उस गिरगिट की तरह हो गई है जो जुर्म को नहीं वरन जुर्मकर्ता को देखकर रंग बदल लेती है | देश में जिला कोर्ट से लेकर सुप्रीमकोर्ट तलक सभी क़ानून के रखवाले और ठेकेदार सब के सब कानूनी सिस्टम के साथ जब चाहे जैसे चाहे और जितनी चाहे छेड़खानी कर रहे है | गौर करने वाली बात यह है कि क़ानून के एक ही नियम में जनता और जुर्म को लेकर इतनी विविधता और विषमताएं क्यूँ है ? देश का क़ानून तो “सर्वजन हिताय” पर आधारित होना चाहिए फिर वही पुराना घिसा-पिता अंग्रेजी क़ानून भारत की जनता क्यूँ ढो रही है ?  वर्तमान परिवेश और व्यवस्थाओं पर आधारित क़ानून क्यूँ नहीं ब

ए दिल है मुश्किल,पर नामुमकिन नहीं

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रणबीर कपूर की “ए दिल है मुश्किल फिल्म की राहे अब आसन होती जा रही है | फिल्म का प्रमोशन भी जोरो शोरों से किया जा रहा है | उल्लेखनीय है की रणबीर ने इस फिल्म के प्रमोशन में अपनी जी जान लगा दी है | रणबीर की लगभग तीन – चार फिल्में असफल हो गई है और वे हाशिये पर जा चुके है | इसमे कोई दो राय नहीं कि अपने समकालिन सफलतम्र रणबीर सिंह से वो ज्यादा एक्टिंग स्कील्ड के धनी है |  पर असफलता और प्रेमिका की मार ने उन्हें रणबीर सिंह से पीछे धकेल दिया है | फिल्म के गाने हिट हो चुके है...और हर T.V सीरियल्स रणबीर कपूर के जैसे सपोर्ट में खड़ा दिख रहा है | एक बार फिर कहना पड़ेगा कि जब रणबीर झलक के शौ में लिपसिंग करते दिखते है | एक बानगी वो पूरा समा बांध देते है उनकी आखो से बहते आसू और भावना प्रधान चेहरा उनको स्वत: ही अपने दादा राज कपूर का वारिस घोषित करते है | अच्छे – अच्छे एक्टर भी उस घड़ी में रणबीर कपूर के आसन–पासन में नहीं लगते | झलक की अनटेलेंटेड जज जैक्लीन को प्रतिभागियों को जजमेंट देने के लिये इंटेलेक्चुअल रणबीर से गाईडेंस जरुर लेना चाहिये |                              Video Source- Fox Star Hindi इसी प्र

Shopping:आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए

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online shopping hackers  अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं तो सावधान हो जाइए ,  हो सकता है कि वेब दुनिया में आपके द्वारा की जा रही खरीदारी पर हैकरों की नज़र हो. और हो सकता है कि हैकर आपके द्वारा की जा रही ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान आपके क्रेडिट कार्ड का डेटा चुरा रहे हों. एक शोध से पता चला है कि ऑनलाइन शॉपिंग कराने वाली लगभग  6000  वेब शॉप साइटें आपके क्रेडिट कार्ड की जानकारियां चुरा कर उसका गलत उपयोग कर रही हैं. डच डेवलपर विलियम डी ग्रूट ने बताया कि आपका क्रेडिट कार्ड का कोड साइबर चोर द्वारा साइटों पर डाला जाता है. उन्होंने जांच में पाया कि लगभग  5925  ऐसी वेब साइट हैं. उन्होंने कहा कि कुछ चोरी किए गए डेटा रूस सर्वर से भेजे गए थे. डी ग्रूट डच इ कॉमर्स साइट बाइट डॉट एनएल के सहसंस्थापक हैं. उन्होंने ब्लॉगस्पॉट में कहा कि हैकर सबसे अधिक उपयोग की जानेवाली साइटों को अपना निशाना बनाते हैं. वे जब उन वेबसाइटों में अपना रास्ता बना लेते हैं उसके बाद वे उन साइटों से आपकी क्रेडिट कार्ड और दूसरी लेनदेन की जानकारियां चुरा लेते हैं. उन्होंने आगे कहा कि उस चोरी किए गए डेटा प्रति कार्ड  30  डॉलर के हिसाब से ड

Human Nature: फर्श से अर्श तलक का फासला

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human nature and philosophy फर्श से अर्श तलक का ये विचित्र-सा फासला बार-बार अनवरत यह सोचने पर बेचैन करता है,कि मानवता की इस श्रृंखला को किन सर्वस्व अवधारणाओं से परिभाषित करूँ या चिन्हित करूँ | महज मुखोटों की तर्ज़ पर या फिर ह्रदय-स्थल की भावभंगिमाओं पर मानवता रूपी इश्वर की इस तिलिस्मी और बेहद पेचीदा कलाकृति का आंकलन या अवलोकन नहीं किया जा सकता | जहां तथाकथिक इश्वर को सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड ने अपना पालनहार माना है वहीँ इश्वर ने एहसासों और विश्वासों को आधारबिन्दु घोषित कर खुद के होने का प्रमाण अवतरित किया है |  इतिहास के गर्भ को अगर हम याद करे तो मानव भी कभी जानवर था यह वर्तमान में स्वघोषित कटु सत्य नकारा नहीं जा सकता | और बड़ी दिलचस्प बात यह भी है की हमने यानि मानव ने प्रगति की मगर कैसी प्रगति ? यह प्रश्न अपने आप में एक पहेली है | एक तरफ जहाँ हम अन्य जिव-जंतुओं को भी प्राकृतिक तौर पर जानवर मानते है वहीँ दूसरी तरफ कभी-कभी हम इन जानवरों को मानसिक,शारीरिक और भावनात्मक पहलुओं में नाप-तौल कर मानव से ज्यादा समझदार और वफादार मानते है | बड़ी ही विचित्र और शर्मोशार कर देने वाली मगर सो टका सर्वमान्य सच

Sweet memories of grandpa with online designer products

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online products designer I remember that in my childhood, my grandpa used to share knowledge about the way of making designs on apparel and temples to make it beautiful and colourful for looks. In ancient time people used two ways of designing on garments mainly known as hand painting and block printing. At that time, I was little shy with less reactive expression and had no any deep concern about the designs. But as moments passed that handy work of designs replaced by high-tech designer software and presently it became the booming scenario in an e-commerce industry in all aspects of designing and redesigning products and services to learn and earn creatively in a better way from designer products online trend. It’s worldwide articulated that selling and buying any product or service in this competitive business industry is quite very tough and challenging task like as to catch a firefly in the daytime for both sellers and buyers. But I remember the proverb “where there is a will th

Karwachauth: चंदा मामा मेरे पतिदेव की उम्र बढ़ाना

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karwachauth and moon  करवाचौथ पति-पत्नी के रिश्तों में मिठास भरने की एक अनुपम कड़ी है, करवाचौथ क्यों मनाया जाता है, इसके पीछे एक कथा प्रचलित है. जब निलगिरी पर्वत पर अर्जुन तप करने चले गए तब उनकी चिंता में द्रोपदी व्यथित होने लगी कि कहीं दुष्ट लोग उनका तप भंग न कर दे. जब श्री कृष्णा ने उनको करवा का व्रत और विधान समझाया. इस व्रत में करवा अर्थात कलश करवा माता का प्रतिक होता है.                                Video By SSR ऐसा माना जाता है कि संध्या के समय सौभाग्यशाली महिलाएं विधि-विधान से करवा माता की पूजा करती है व् चंद्रोदय के समय चन्द्र को अर्ध्य देकर अपने पति के हाथों जल ग्रहण करती है, उनका करवाचौथ सौभाग्य व् आरोग्य रहता है. इस व्रत को करने से महिलाओं को मानसिक शांति और अपने पति से अपार प्रेम की अनुभूति होती है !

Bigg Boss Season 10: बिग बॉस की माँ की आँख-सलमान

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Bigg boss season 10 by salman khan कलर टेलीविज़न के बिग बास सीजन 10 की शुरुआत हो चुकी है | हर बार की तरह हमारे अपने one and only सलमान खान इसको होस्ट कर रहे है. इस शो की तो टीआरपी लगातार गिरती जा रही है पर सल्लू भईया की पर एपिसोट कमाई में दिन पर दिन ईजाफा होता जा रहा है| इस बार बिग बास में टीआरपी बढ़ाने के लिए डबल तड़का लाए है इंडिया वाले v\s सेलीब्रिटी ! पहले न. पर इस बार बिग बास में जो मेहमान आए है वो स्वामी ओमजी (O.M.G.) तंत्र सम्राट जिनका दावा है की उनका जीवन ही जगत कल्याण के लिए हुआ है | वे मात्र 1 घंटा सोते है और उनको सब दिखता है | सलमान भाई का उनको लेकर कमेन्ट “जो सब को दिखता है वो स्वामी जी को नहीं दिखता और जो स्वामी जी को दिखता है वो किसी को नहीं दिखता है” | दुसरे न. पर है सांवली सलौनी लोपामुद्रा राउत जो मिस इंडिया कंटेस्टेंट रही है जो एक सेलेब्रिटी है | तीसरे न.पर जो गेस्ट है वो मनवीर गुजर्र है जो नॉएडा के रहने वाले है व् अपने गुजरीं अंदाज से बिगबास का एंटरटेनमेंट बनाए रखेगे बकोल उनके आदमी को हिसाब और पैशाब का मजबूत होना चाहिए उनका फंडा है “आये तो वेलकम जाए तो भीड़ कम“ Bigg bos

प्राचीन शासक और 21वी सदी के नेता का राजनीतिक नाता

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Indian Politicians प्राचीन राजा-महाराजाओं से लेकर मुग़ल साम्राज्य तक राजाओं के शासन करने की शैली या तो तानशाही रही है या प्रजाहितेशी रही है | किन्तु दोनों ही पहलुओं में युद्ध करके या संधि करके शासक अपना शासन जनता पर किया करते थे | एक और मजे की बात यह है कि राजा का पुत्र ही अधिकाँशतः राज्य का अगला उत्तराधिकारी होता था और इसी वंशानुगत राजनीति के कारण जनता के पास और कोई विकल्प नहीं हुआ करता था और न ही चुनाव जैसी कोई पद्धति | एक और ख़ास बात थी इन राजाओं के शासनकाल में कि ये राजा अपने मान-सम्मान और शर्तों के लिए अपना सर्वस्व त्याग देते थे मगर अपनी शर्तों और कसमों से विमुख नहीं होते थे | इतिहास पढ़ते-पढ़ते हम सभी इतना तो जान ही गये है कि राजनीति किस चिड़िया का नाम है ? और यूँ भी हमारी प्राथमिक शिक्षा के दो अभिन्न विषय जो कि हम सभी पड़ते है एक इतिहास और दूसरा नागरिक शास्त्र (राजनीति शास्त्र) | और आज के इस बदलते राजनितिक परिवेश में बच्चा-बच्चा तकनीकी और दूरसंचार के कारण अपने देश की राजनीति को बहुत ही करीब से समझ और देख रहा है | इस इक्कीसवीं सदी में शिक्षित राजनीतिज्ञ का जब से राजनीति में पदार्पण ह

समाज में महिलाओं का ये कैसा विशेष वर्ग?

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women and girls having alcohol and smoking हमारी भारतीय संस्कृति में जहां एक तरफ महिलाओं के विकास का मुद्दा अहम् है,वहीँ दुसरी तरफ पाश्चात्य सभ्यता के पुरजोर तांडव करने से महिलाओं का विकास किस दिशा में हो रहा है,यह बेहद पेचीदा और गहन विचार का विषय है | आज के इस आधुनिक युग में जहां महिलाओं के लिए सरकार हो या समाज दोनों ही नारी शक्ति के विकास और समानता के लिए नई-नई योजनाओं को क्रियान्वित कर रहे है वहीँ एक प्रश्न ज़हन में समुंद्र के तूफ़ान सा उठता है कि क्या महिलायें सही दिशा में प्रगति कर रही है ? यह प्रश्न सम्पूर्ण महिला वर्ग के लिए ठीक नहीं होगा | इस प्रश्न से मेरा तात्पर्य समाज में महिलाओं के उस “विशेष वर्ग” से है जो आज सिर्फ पाश्चात्य सभ्यता को सर्वस्व समझ बैठा है |  वर्तमान दौर में समाज में महिलायें आज घर से बाहर निकल कर नौकरी कर रही है,कामकाज कर रही है,जीवन यापन के नए आयाम खोज रही है यह समाज के लिए सार्थक हर्ष का विषय है कि – “नारी तू नारायणी” और भारतीय संस्कृति के जिवंत होने का वास्तविक प्रमाण | मगर पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते हुए इरादों से तो एसा लगता है जैसे नारी आजादी के नाम पर ये

Kishor kumar death anniversary: किशोर दा ने क्यों की थी चार शादियाँ?

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kishor kumar death anniversary  जिन्दगी एक सफ़र है सुहाना...यहाँ कल क्या हो किसने जाना... जी हाँ फिल्म का नाम अंदाज़, सन 1971 में बनी इस फिल्म में किशोर कुमार ने इस गाने को अपने बिंदास और मधुर सुरों में पिरोया था. किशोर कुमार चाहे आज हमारे साथ नहीं है मगर उनकी मधुर आवाज हमारे बीच अमर हो गई है.    आज किशोर दा की पुण्यतिथि है, उनकी इस पुण्यतिथि पर Freaky Funtoosh Team की ओर से श्रद्धांजलि. आज हम आपको कुछ ऐसे अनछुए पहलुओं से रूबरू कराने जा रहे है जो उनकी जिन्दगी और करियर से जुड़े है- किशोर कुमार की मृत्यु 13 अक्टूबर सन 1987 को दिल का दौरा पड़ने से हुई थी.   किशोर कुमार की डेथ उनके भाई अशोक कुमार के बर्थडे वाले दिन हुई थी. किशोर कुमार खंडवा शहर मध्य प्रदेश के रहने वाले थे. महज बारह वर्ष की उम्र में किशोर दा ने संगीत में महारत हासिल कर ली थी. उनको रेडियो पर बजने वाले गानों पर नाचना बहुत पसंद था. फ़िल्मी गानों की पंक्तियों को दाएं से बाएँ गाने में किशोर कुमार ने महारत हासिल कर ली थी. जब भी कोई उनका नाम पूछता तो वे कहते- रशोकि रमाकु नाम है मेरा. गांगुली परिवार में जन्मे किशोर दा की माँ का नाम गौरी