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"Lucky Donkey" एक गधे की कहानी, कविता की जुबानी !

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One day i saw a...   गधा , He was fully wood...  से लदा , I found very...  विचित्र , When i saw this...  चित्र , My heart came in...  दया , And i near him... गया , I asked some words from... गधा , Why are you wood... से लदा ? He started a harmful...  कहानी , That was liking ... जानी-पहचानी , But with him,his master did... मनमानी , He did not give him... दानापानी , And  daily  kept in परेशानी , After hearing this sad...  कहानी , Really i have very... हे रानी , As animals also have...  जिंदगानी , Immediately i decided this... बिंदु , Any safe place,along with ...  गधा चल्दुं , Finally we were going ... साथ - साथ , And master was with blank... हाथ , Bye-Bye was being done by.. पुछडी , And master felt in his heart ... चोट  कढ़ी  | Arun "@gyat" Pancholi Click Me For Wow Video...

सिसकती साँसों से पूछो,मेरा क्या है?

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सिसकती साँसों से पूछो , वक्त का पहरा क्या है ? रजनी लपेटे सफेदी में , शशि में इतना , गहरा क्या है ? है भान नभ के , भानु प्रताप को , लबों पे लालिमा लिए , सवेरा क्या है ? क्यूँ गुलशन करता , नाज इतना शुलों पे , है एहसास गुलों को , भंवरों का पहरा क्या है ? क्षितिज को साहिलों से मिलाती , सागर पे लहराती , सरगम - सी लहरों का , बसेरा क्या है ? माटी से माटी तक का सफ़र , जानता है सिर्फ वो कुम्हार कि इस खोखले खिलौने का , चेहरा क्या है?

BlitZ BirtH-Midnight Miracle

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In the whole unique universe, The origin of blitz birth, Merely due to pre decided plan, Or an uncontrolled excited accident. Sometime gently sometime stupidly, So far not so sure about the result, Normal-abnormal- subnormal, Dump death or midnight miracle. Seriously all these wow wonders, Just a creativity of a meson moment, I-you-we-they living or non-living, No one knows the girth of birth, The measuredly measured motto. When you get birth you cry, & all around you feel joy, When you die you feel joy, & all around you cry, The process of birth, Again & again try, So here is no ending, In the whole unique universe, The origin of blitz birth…..                  The origin of blitz birth---- Arun“@gyat”Pancholi

ऐ ग़ालिब तेरे शहर में,ये कैसी गरमी?

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ऐ ग़ालिब तेरे शहर में ये कैसी गरमी है कहीं इंसानियत पे अत्याचार तो कहीं हेवानियत और बेशर्मी है किसे बयां करूँ ? ये शब्दों की सहानुभूति ... कहीं मासूमों   से   बलात्कार तो कहीं धर्मान्ध अधर्मी है ऐ ग़ालिब तेरे शहर में ये कैसी गरमी है कहीं   खुल रहा अय्याशी   का बाज़ार , तो कहीं बढ़ रही कुकर्मी है निति के दोहे अब किसी को रास नहीं आते कहीं वेश्याओं का व्यापार तो कहीं इंसानों में नदारद नरमी है ऐ ग़ालिब तेरे शहर में ये कैसी गरमी है?                      

परछाई,महबूबा यूँही नहीं तुम पर मरेगी

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एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी, अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी, समीर को न गिला न शिकवा होगा, ना बदरिया का कोई सिलसिला होगा |   जब ये कायनात डग - मग डोलेगी , फुर से चिड़िया दाना चुगकर, खुले आसमां में छम - छम तेरेगी , तुम ताकते रहना नदी किनारे, मछली सारे रजिया के राज खोलेगी | कलियों की कहानी पुरानी हो गई, अब गलियों में जवानी दीवानी हो गई, शबनम से अब हाला नहीं भरेगी, शराबियों से अब शराब नहीं डरेगी | तुम आइना क्यों देखते हो- महबूबा युहीं नहीं तुम पर मरेगी, थोड़ी घड़ियाँ थामकर चलो यारों, इनकी कदम - कदम पर जरुरत पड़ेगी | एक दिन परछाइयां जरुर बोलेगी, अनल बर्फ के आंसू जरुर घोलेगी 

जाने क्यूँ ये दर्द,मीठा-मीठा-सा लगता है

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जाने क्यूँ ये दर्द, मीठा-मीठा -सा लगता है हर ज़ख्म पर कोई, मिश्री घोल रहा हो जैसे अपने ही आंसुओं पर, दरिया बन गई है ये आँखें हर नज़र में कोई शख्स,शबनम टटोल रहा हो जैसे अपनों का कारवां अपनी ही नब्ज़ में शूल सा लगता है          कतरा कतरा यूँ घुट-घुटकर खुदी को ज़ार-ज़ार कर रहा हो जैसे ऐ जहां वालों अब तो विराना ही अपना ताजमहल लगता है                       शीशों के घरोंदो में दम साँसों का,बार-बार लुट रहा हो जैसे !